चालीस सालों की उपलब्धियां और अनुभव

बीते चार दशकों में चीन के सुधार और खुलेपन से मिली उपलब्धियों और अनुभवों के बारे में दोबारा सोचना चीन के साथ दुनिया के भविष्य के विकास में जानकारी और प्रेरणा देने में मदद करेगा।
by हु बिलिआंग
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चीन के सुधार और खुलेपन के “मुख्य वास्तुकार” तंग श्याओफिंग द्वारा सन 1992 में दक्षिणी चीन में अपनी निरीक्षण यात्रा के दौरान दिए महत्वपूर्ण भाषणों ने देश को तेज आर्थिक उन्नति के दौर में धकेला। यह फोटो शनजन में शेनन एवेन्यू पर लगी तंग श्याओपिंग की विशाल तस्वीर के सामने पैदल यात्रियों को दिखा रही हैं। एन जे/ सीएफबी

चालीस साल पहले, चीनी नेता तंग श्याओफिंग ने देश को विकास को एक ऐतिहासिक दौर में पहुंचते हुए चीन के सुधार और खुलेपन की शुरुआत की। आज, समय की मांग है कि पिछले चालीस सालों में हुई देश की उपलब्धियों और अनुभवों की सावधानीपूर्वक समीक्षा की जरूरत है, जो चीन और दुनिया के भविष्य विकास को समझाएगा और प्रेरित करेगा।

 

उपलब्धियां और अनुभव

अपने 40 सालों के सुधार और खुलेपन से चीन ने जिन उपलब्धियों को हासिल किया है वे मुख्य रूप से संस्थागत नवप्रवर्तन और आर्थिक विकास द्वारा साबित हुए हैं। संस्थागत नवप्रवर्तन में पांच महत्वपूर्ण पहलू हैं: पहला, चीन ने चीनी गुणोंजो देश की राष्ट्रीय स्थितियों के अनुकूल हैके साथ समाजवाद के रास्ते को खोजा। सन 1949 में चीन लोक गणराज्य की स्थापना के जल्द बाद, इसने सोवियत संघ में इस्तेमाल किये हुए नियोजित अर्थव्यवस्था को बतौर विकास जरिया प्रस्तावित किया। सन 1984 में, चीन ने एकनियोजित वस्तु अर्थव्यवस्था प्रणालीके निर्माण के विचार का प्रस्ताव दिया, और तब एकसमाजवादी बाजार अर्थव्यवस्था प्रणालीके निर्माण का लक्ष्य रखा। दशकों की खोज के बाद, राष्ट्र स्थापित हुआ और अपनी तेज आर्थिक उन्नति के लिए मूलभूत संस्थागत नींव रखते हुए, चीनी गुणों के साथ समाजवादी बाजार अर्थव्यवस्था में लगातार सुधार किया गया है। दूसरा, चीनी गुणों के साथ समाजवाद एक नए दौर में प्रवेश कर गया। सुधार से एक विस्तृत गहरे सुधार तक, खुलने से लेकर सभी तरह की शुरुआत के लिए नई जमीन तैयार करने तक, चीन के सुधार और खुलापन भी एक नए दौर में पहुंच गया। तीसरा, निरंतर शहरी-ग्रामीण दोहरा ढांचा मूलतः टूट गया है, और शहरी-ग्रामीण एकीकरण की रूपरेखा बनाने में सफलता प्राप्त की गयी।

चौथा, अपनी राष्ट्रीय स्थितियों पर आधारित, चीन ने चीनी गुणों के साथ गरीबी खत्म करने की प्रणाली स्थापित और सुधार किया, जो गरीबी उन्मूलन करने के लिए प्रभावशाली साबित हुआ। आज तक, देश के तकरीबन 800 मिलियन दरिद्र लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया। पांचवां, एक नए तरह का शहरीकरण तेजी से बढ़ रहा है। चीन की शहरीकरण दर 1978 में 18 फीसदी से बढ़कर 2017 के अंत में 59 फीसदी तक पहुंच गई थी। इसके अलावा, इसके शहरी सेवा स्तर और क्षमता, ऊर्जा उपयोग कार्यक्षमता, सामाजिक शासन क्षमता निरंतर सुधरी है।

सन 1987 में बीजिंग के किअंमेन में चीन का पहला केएफसी रेस्टॉरेंट खुला, जो चीनी बाजार में प्रवेश करने वाला सबसे पहला फ़ास्ट-फ़ूड ब्रांड बन गया। (सीएफबी)

आर्थिक विकास में चीन की उपलब्धियों को निम्नलिखित पांच स्थितियों में दिखाया गया है: पहला, इसकी संपूर्ण आर्थिक उन्नति ध्यान देने वाले ढंग से मजबूत हुई है। सन 1978 में, इसकी जीडीपी सिर्फ 150 बिलियन यूएस डॉलर थी, जो दुनिया में 11वें क्रमांक पर आती थी। सन 2017 में ये आंकड़े उछल कर 13 ट्रिलियन यूएस डॉलर पहुंच गई, जो दुनिया में दूसरे स्थान पर है। दूसरा, इसके निर्माण उद्योग के वर्धित मूल्य 1978 में 60 बिलियन यूएस डॉलर से बढ़कर आज करीब 4 ट्रिलियन यूएस डॉलर पहुंचने के बाद से विश्व में दूसरे स्थान पर है। तीसरा, सन 1978 में 21 बिलियन यूएस डॉलर से बढ़कर 2017 में 4 ट्रिलियन यूएस डॉलर होने के बाद इसकी कार्गो व्यापार मात्रा दुनिया में पहले स्थान पर है।

चौथा, सन 1978 में 170 मिलियन यूएस डॉलर से बढ़कर 2017 के अंत में 3 ट्रिलियन यूएस डॉलर तक पहुंच जाने के बाद इसका विदेशी विनिमय कोष दुनिया में पहले स्थान पर आता है। पांचवां, चीन में अब अनाज सुरक्षा निश्चित है। अपने सुधार और खुलेपन के शुरुआती दिनों में चीन का कुल अनाज उत्पादन 300 मिलियन टन---300 किलोग्राम प्रति व्यक्ति था। सन 2017 में, इसका कुल अनाज उत्पादन 600 मिलियन टन के पार चला गया, और प्रति व्यक्ति 450 किलोग्राम पहुंच गया।

चीन की ध्यान देने वाली उपलब्धियों में से दस सबक सीखे जा सकते हैंसबसे पहला, चीन के अथाह इतिहास और संस्कृति इसके विकास के लिए मुख्य ताकतों में बदल दी गयी है। दूसरा, चीन ने सही, अनोखा विकास रास्ता चुना है जो इसकी राष्ट्रीय परिस्थितियों के मुताबिक है, जो चीनी गुणों के साथ समाजवाद का रास्ता है। तीसरा, चीन बाजार-आधारित सुधार पर दृढ़ है। चौथा, चीन निरंतर अपने खुलेपन को विश्व की ओर धकेलता है। देश का खुलापन लगभग चार चरणों में विभाजित किया जा सकता है: सन 1979 की शुरुआत में विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) के निर्माण से विदेशी निवेश लाना, सन् 2001 में चीन के व्यापार और निवेश नियमों का दुनिया के साथ सामंजस्य बिठाने के लिए विश्व व्यापार संगठन से जुड़ना, सन् 2013 से अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश सहज बनाने के लिए मुक्त व्यापार क्षेत्रों (एफटीए) का निर्माण करने, और खुलेपन के लिए विस्तृत और निर्भीक कदम उठाने के लिए 2013 के वसंत में बेल्ड एंड रोड पहल की शुरुआत करना। पांचवां, चीन ने हमेशा आर्थिक कार्य को अपने शीर्ष अजेंडा में रखा है। छठा, चीन ने राजनीतिक और सामाजिक स्थिरता बनाये रखा है। सातवां, चीन ने अनुकूल प्रतियोगिता को सुरक्षित रखने और सहज बनाने के लिए सक्रिय उपाय किये हैं। आठवां, चीन शिक्षा के विकास को वरीयता देता है। नौवां, चीन ने विकास योजनाओं की श्रृंखला सूत्रित और तैयार की है। दसवां, चीनी जनता मेहनती और व्यवहारिक है। चीन के सुधारों और खुलेपन की सफलता के पीछे एक और रहस्य है सुधार खुलेपन की राह पर समय के साथ धीमे-धीमे कदम उठाते गए। उदाहरण के तौर पर, आनह्वेई प्रांत के श्योकांग गांव में घरेलू ठेका जिम्मेदारी प्रणाली की शुरुआत, जहां इसे राष्ट्रीय कार्यप्रणाली बनाने के पहले संबंधित नीतियों के सूत्रीकरण और कार्यान्वयन के माध्यम से अनाज के उत्पादन को बड़ी मात्रा में बढ़ाने में प्रभावशाली साबित होने के बाद मानकीकृत और संस्थापित किया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में सुधार की तरह, शहरी सुधार, एसईजेड और एफटीए सभी एक जैसी उन्नति प्रक्रिया का अनुकरण किया।

जुलाई 13, 2001: सन 2008 के ओलिंपिक की मेजबानी जीतने के बाद उत्सव मनाते लोग। दशकों के सुधार और खुलेपन के बाद, चीन प्रभावशाली अफ्थीक उन्नति को देखा और दुनिया को एक नया रूप दिखाया है। जोऊ यी/सीएफबी

वैश्विक प्रतिष्ठा

चीन के सुधार और खुलेपन की सफलता दुनियाभर में महत्वपूर्ण रही हैं। सुधार और खुलेपन की वजह से चीन की आर्थिक शक्ति बहुत सुधरी है, इसलिए अब देश दुनियाभर के लोगों के लिए अधिक और बेहतर वस्तु सेवाएं देने में समर्थ है तथा वैश्विक आर्थिक उन्नति में तेजी लाने और विश्व शांति को सुरक्षित रखने में बड़ा योगदान कर रहा है। हाल के सालों में, चीन ने विश्व के आर्थिक विकास का 30 फीसदी से अधिक योगदान किया है।

खासतौर पर, पिछले पांच सालों से जब से इसने बेल्ट एंड रोड प्रस्तावित किया, चीन ने विश्वभर में मूलभूत सुविधाओं के निर्माण के लिए बहुत बड़ी मात्रा में निधि निवेश किया जिसमें ताजिकिस्तान में रेलवे योजना, उज़्बेकिस्तान में भूमिगत परियोजना, पाकिस्तान में बिजली परियोजनाएं, लाओस में रेलवे योजना, इंडोनेशिया और थाईलैंड में तेज गति रेल योजनाएं, म्यांमार और श्रीलंका में बंदरगाह, बेलारूस में एक औद्योगिक केंद्र योजना, तथा अफ्रीका में हाईवे और रेलवे योजनाएं शामिल हैं। इन सभी परियोजनाओं नें विश्वभर में मूलभूत सुविधाओं की संयोजकता को सुधारने में प्रत्यक्ष योगदान दिया है।

वर्तमान में, चीन पूरे दुनियाभर से 2 ट्रिलियन यूएस डॉलर सामान और 500 बिलियन यूएस डॉलर सेवाओं का आयात हर साल करता है और एक विशाल वस्तु सेवा बाजार बन गया है। हाल के सालों में, चीन के विदेशी निवेश ने अपने अंतरगामी निवेश को पीछे छोड़ते हुए इसे विश्व में पूंजी का मुख्य निर्यातक बना दिया है। चीन एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट बैंक और ब्रिक्स न्यू डेवलपमेंट बैंक की स्थापना की अगुवाई की, जिसने कम-विकसित देशों के लिए असाधारण विकास निधि दिया।

इसके अलावा, चीन ने वैश्विक भागिदारों के साथ अंतर्राष्ट्रीय उत्पादन क्षमता सहयोग बनाया और कई देशों में औद्योगिक क्षेत्र बनाए। ये उपाय विकासशील देशों के औद्योगीकरण प्रक्रिया को बढ़ावा देने के बड़े योगदान दर्शाते हैं तथा उनकी मदद अधिक रोजगार और राजस्व निर्माण करने में करते हैं।

चीन वैश्विक प्रशासन को सुधारने में भी बड़ा योगदान कर रहा है। सन 2019 की शुरुआत में, यूएस के बाद चीन यूएन के नियमित बजट में योगदान करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश बन जाएगा। यूएन सुरक्षा परिषद के सभी पांच स्थाई सदस्यों में से, चीन ने यूएन शांति मिशनों में सर्वाधिक सैनिकों को भेजा है।

चीन ने नियंत्रित रूप से अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में और विश्व बैंक में जरूरतों के मुताबिक निवेश बढ़ा दिया है। यह सब वैश्विक शासन तंत्र को सुधारने और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को अधिक सकारात्मक भूमिका के लिए योग्य बनाने के लिए अनुकूल है।

दूसरी तरफ, अपने 40 सालों के सुधार और खुलने से प्राप्त किए सफलतापूर्ण अनुभवों को चीन ने समेट रखा है, खासतौर पर जो राष्ट्रीय स्थितियों के अनुकूल विकास रास्ते, गरीबी उन्मूलन, शासन और ऊर्जा ढांचा परिवर्तन से संबंधित हैं, वे दुनिया में अन्य देशों के लिए, विशेष रूप से विकासशील देशों के लिए उपयोगी टिप्पणी देंगे।

लेखक बीजिंग नार्मल यूनिवर्सिटी के इमर्जिंग मार्केट्स इंस्टिट्यूट के अधिष्ठाता (डीन) हैं।